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कालीबंगा के लोगों का रहन सहन

 कालीबंगा  एक उस समय का बेहतरीन शहर था | लोगों के पास जीवन यापन के बेहतर से बेहतर साधन थे|  लोगों के पास घोड़े, बेलगाड़ी आदी आवागमन के साधन थे लोग खाने के लिये चावल की खेती करते थे | यहाँ पर बाजरा भी होता था | गेहूँ भी मुख्य खाद्यान के रूप में उगाया जाता था |  ताम्बा मुख्य धातु था उससे लोग जरूरत की चीजों के साथ मनोरंजन की चीजें बनाते थे | लोग मनोरंजन के लिये कुश्ती जैसे खेल खेलते थे |  लोग शाकाहारी भोजन ज्यादा पसंद करते थे हालांकि मासाहार के प्रमाण भी पाये जाते है | शिकार करते थे पर जिस प्रकार से अन्न के स्त्रोत थे उससे यही लगता है की लोग इस और कम ध्यान देते थे |

कालीबंगा सभ्यता भाग -2

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कालीबंगा सभ्यता पिछले अध्याय में हमने कालीबंगा सभ्यता के बारे जों जाना उससे आगे आज हम जानेंगे | हड़प्पा की तीसरी राजधानी कालीबंगा को हड़प्पा सभ्यता की तीसरी राजधानी के रूपये में जाना जाता है प्रथम और द्वितीय दो शहर क्रमशः हड़प्पा और मोहनजोदड़ो को माना जाता है | मकानों के दरवाजे कालीबंगा सभ्यता में मकानों के दरवाजे मुख्य सड़क पर ना खुलकर पीछे की और खुलते थे | शव दफनाना शव को अलग अलग तरह से दफनाया जाता था |एक अंडाकार गड्डे में शव को दफनाया जाता था जिसको चित्र में दिखाया गया है |उसके पास कुछ वस्तुएँ भी रखी जाती थी | अन्य देशों से संबंध कालीबंगा सभ्यता के संबंध अन्य सभ्यताओं से भी मिलते है |मेसोपोटामिया सभ्यता से भी बेलनाकार बर्तनो का मिलना ये दर्शाता है की यहाँ के लोगों का आना जाना और व्यापार मेसोपोटामिया से था | अगले भाग में वहाँ पर क्या-क्या मिला उसके चित्र और जानकरी जान पाएंगे.......... https://amzn.to/3kQrYlc

कालीबंगा सभ्यता

 कालीबंगा सभ्यता -        वर्तमान में कालीबंगा सभ्यता राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तहसील में स्थित है |ये लगभग 6000 साल पुरानी सभ्यता मानी जाती है |कालीबंगा वर्तमान में एक छोटा सा गाँव है |ये प्राचीन दृषद्वती और सरस्वती  नदी घाटी (वर्तमान में घग्घर  नदी के बाएं किनारे पर ) स्थित है |इस स्थल का कालीबंगा नाम यहाँ से खुदाई के समय प्राप्त काली चूड़ियाँ मिलने के कारण पड़ा | इसका कारण यहाँ पर पंजाबी भाषा का प्रभाव है |क्योंकि पंजाबी भाषा में बंगा का अर्थ होता है चूड़ी |सर्वप्रथम 1952 ई. में  अमलानंद  घोष   ने इसकी खोज की और तत्पश्चात 1961-62 ई. में बी.बी. लाल, बी.के थापर द्वारा यहाँ उत्खनन करवाया था | इसका उत्तखनन 5  स्तर में किया गया |प्रथम दो स्तर हड़प्पा सभ्यता के समान थे जबकि 3,4 और 5 वें स्तर की सामग्री हड़प्पा के समकालीन थी यही कारण है की कालीबंगा सभ्यता को दो भागों में बांटा जाता है -1. प्राक् हड़प्पा सभ्यता 2. हड़प्पा सभ्यता कालीबंगा सुव्यवस्थित रूप से बसा हुआ नगर था |मकान बनाने के लिये मिट्टी की ईंटो को धूप में पकाकर जिन्ह...